पैंतीस डॉक्टर, पांच मरीज और दिल को छूने वाली एक किताब
सेहतराग टीम
हम आज जिस दुनिया में रह रहे हैं वहां हर चीज बाजार से तय होती है। एक आम धारणा बन गई है कि चिकित्सा का पेशा भी अब कारोबार बन गया है और डॉक्टर अब धरती पर भगवान का प्रतिरूप नहीं बल्कि धन कमाने की मशीन बन गए हैं। इस आम धारणा को मजबूत करने वाली कहानियां तो अकसर हम सबने सुनी ही होगी मगर इस धारणा को सिरे से पलट देने वाली कहानियां अकसर अनसुनी ही रह जाती हैं या मीडिया उन्हें आम लोगों तक आने ही नहीं देता। अब दुनिया के 35 डॉक्टरों और पांच मरीजों ने इस धारणा को बदलने का प्रयास किया है।
दरअसल दुनियाभर से पैंतीस डॉक्टरों और पांच मरीजों ने एक नई किताब में सच्ची कहानियों को साझा करते हुए डॉक्टर-मरीज के बीच भरोसे के रिश्ते को बयां किया है। यह नई किताब दवा की दुनिया की अंदरुनी तस्वीर पेश करती है।
डॉक्टर देबराज शोम और अपर्णा गोविल भास्कर के संपादन वाली ‘डियर पीपुल, विद लव एंड केयर, योर डॉक्टर्स : हर्टफेल्ट स्टोरीज अबाउट डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप’ में जीत, हमदर्दी, सकारात्मकता, हार और कई बार नाकामी की कहानियां संकलित हैं।
यह किताब डॉक्टरों और मरीजों के आधुनिक अनुभवों के बारे में हैं। इसमें मरीजों ने भी विश्वभर में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल तंत्र के साथ अपने अनुभवों को लिखा है।
ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित इस किताब में दलाई लामा की लिखी प्रस्तावना है। उन्होंने कहा है कि औषधि प्यार, दयालुता और करुणा के बारे में है तथा डॉक्टरों और मरीजों के लिए इन मूल्यों को पुनजीर्वित करने की काफी जरूरत है।
इसमें प्रतिष्ठित डॉक्टरों वी मोहन, प्रदीप चौबे, रानी वानखेडकर, नीतिन कदम, एस नटराजन, ललित कपूर, सुब्रमण्या अय्यर, जेसे बेरी, वॉल्फगैंग गुबिश, गैब्रिला कैसाबोना, कमल महावर और कई अन्यों के लेख हैं।
इसके अलावा इसमें शोम और भास्कर का ‘डॉक्टरों और मरीजों के अधिकारों का घोषणा-पत्र’ पर एक अध्याय भी है।
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